किसानों का इंतजार होगा अब खत्म। मोदी सरकार 19 नवंबर को पीएम-किसान समान निधि के तहत 21वीं किस्त किसानों के खाते में जमा करने जा रही है। इस बार भी ₹2,000 सीधे बैंक खाते में आएंगे, लेकिन पैसे तभी मिलेंगे जब जरूरी शर्तें पूरी होंगी।
सरकार इस स्कीम के जरिए 2019 से अब तक 3.70 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम 11 करोड़ परिवारों तक पहुँचा चुकी है। हर साल योग्य किसानों को कुल ₹6,000 तीन हिस्सों में देती हैं — हर तिमाही ₹2,000 का भुगतान किया जाता है।
अगर आप भी जल्दी किस्त पान चाहते है तो ई-केवाईसी करना जरूरी है। चाहे ओटीपी हो, फिंगर प्रिंट या फेस ऑथेन्टिकेशन — तीनों में से कोई एक तरीका अपनाएँ, वरना आपके पैसे रुक सकता हैं।
अपना नाम या भुगतान की स्थिति जानने के लिए किसान www.pmkisan.gov.in वेबसाइट के ‘किसान कॉर्नर’ में जाएँ, वहाँ पर ‘Beneficiary Status’ या ‘Beneficiary List’ ऑप्शन चुनें, और आधार या अकाउंट नंबर डालकर जानकारी पाएं।
ध्यान रहे, पैसे उन्हीं किसानों को मिलेंगे जिनके नाम खेती वाली जमीन है, रिकॉर्ड पोर्टल पर सही अपडेट है, बैंक खाता आधार से जुड़ा है और e-KYC पूरी है।
सरकार ने हाल ही में मोबाइल ऐप, चैटबोट, और नई Farmer Registry जैसी सुविधाएँ लागू की हैं। इनसे किसान अब और आसानी से अपडेट, स्टेटस, या शिकायत दर्ज कर सकते हैं, और अलग-अलग योजनाओं में बार-बार कागज दिखाना नहीं होगा।
पिछले अगस्त में 20वीं किस्त जारी हुई थी, तब करीब 9.7 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिला। अब PM-KISAN 21वीं किस्त की प्रक्रिया तेज कर दी गई है, हर गाँव-गाँव में नए नाम, दस्तावेज और केवाईसी की विशेष मुहिम चल रही है।
PM-KISAN पात्रता और जरूरी बातें
केवल छोटे और सीमांत किसान, जिनके नाम जमीन है और जिनका रिकॉर्ड सही है, उन्हीं को पैसा मिलेगा।
बैंक खाता और आधार की डिटेल, दोनों अपडेट रखें। e-KYC, आधार सीडिंग और बैंक डीटेल्स सही हों, तभी किस्त आएगी।
नया रजिस्ट्रेशन, जानकारी अपडेट और शिकायत के लिए पोर्टल या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) मदद करेगा।
PM-KISAN भुगतान स्थिति कैसे जानें?
pmkisan.gov.in खोलें।
‘किसान कॉर्नर’ में ‘Beneficiary Status’ पर जाएं।
आधार नंबर या बैंक अकाउंट नंबर भरें।
स्थिति स्क्रीन पर दिख जाएगी। अगर SMS न आए तो बैंक पासबुक या ऐप से भी रकम चेक की जा सकती है।
जानने लायक तथ्य
स्कीम से किसानों को खेती में निवेश और गृह-व्यय बढ़ाने में मदद मिली है।
महिलाएँ भी लाभार्थी हैं — अब 25% से ज़्यादा लाभ महिलाओं को मिल रहा है।
नई Farmer Registry बनने से बार-बार दस्तावेज़ी प्रक्रिया की झंझट कम होगी और हर किसान को कई योजनाओं का लाभ अपने आप मिलेगा।